Maa Shayari And Status
- किसी को घर मिला, किसी के हिस्से में दुकां आई
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई
- माँ तेरे दूध का हक़ मुझसे अदा क्या होगा
तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा
- चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
- उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और खुद रोने लगी
सबको खिलाया और खुद बिना खाए सोने लगी
- सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ
- माँ से बड़कर कोई नाम क्या होगा
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है
उसके सर का मक़ाम क्या होगा
- रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।
- सब कुछ मिल जाता है दुनिया में मगर,
याद रखना कि माँ-बाप नहीं मिलते,
मुरझा कर जो गिर जाये एक बार डाली से,
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते।
- माँ से बड़कर कोई नाम क्या होगा
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है
उसके सर का मक़ाम क्या होगा
- ना जाने क्या था “माँ” की उस “फूँक” में
हर “चोट” ठीक हो जाया करती थी
“माँ” की हल्की सी एक “चपत” ज़मीन को
सारा “दर्द” ही “गायब” कर दिया करती थी
- पूछता है जब कोई मुझसे कि
दुनिया में मुहब्बत अब बची है कहाँ ?
मुस्कुरा देता हूँ मैं
और याद आ जाती है “माँ”
- दवा असर ना करे
तो नजर उतारती है
माँ है जनाब
वो कहाँ हार मानती है
- उम्र भर खाली यूं ही मकान हमने रहने दिया,
तुम गए तो दूसरे को कभी यहां रहने ना दिया,
मैंने कल सब चाहतों की किताबे फाड़ दी,
सिर्फ एक कागज पर लिखा मां रहने दिया।
- माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमो में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।
- रब से करू दुआ बार-बार
हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार
खुदा कबूल करे मेरी मन्नत
फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।
- माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती,
माँ की बात कभी टाली नहीं जाती,
अपने सब बच्चे पाल लेती है बर्तन धोकर,
और बच्चों से एक माँ पाली नहीं जाती।
- उसके होंठों पे कभी बद्दुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती।
- मां तेरे दूध का हक़ मुझसे अदा क्या होगा,
तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा।
- हँसकर मेरा हर गम भुलाती है माँ,
मैं रोता हूँ तो सीने से लगाती है माँ,
बहुत दर्द दिया है इस ज़माने ने मुझको,
सबकुछ झेलकर जीना सिखाती है माँ।
- माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।
- कोई दुआ असर नहीं करती,
जब तक वो हमपर नजर नहीं करती,
हम उसकी खबर रखे न रखे,
वो कभी हमें बेखबर नहीं करती।
- मैंने कभी भगवान को नहीं देखा है,
लेकिन मुझे इतना यकीन हे की,
वो भी मेरी माँ की तरह होगा!
- हजारों गम हो फिर भी
मैं खुशी से फूल जाता हूं
जब हस्ती है मेरी मां
मैं हर गम भूल जाता हूं!
- तुम क्या उसकी बराबरी करोगे
वो तुफानो में भी रोटिया सेक देती है
और वो माँ है जनाब डरती नहीं है
मुस्किलो को तो चूल्हे में झोक देती है
- तेरे ही आँचल में निकला बचपन
तुझ से ही तो जुडी हर धड़कन है
कहने को तो सब माँ कहते है उसे
लेकिन मेरे लिए तो मेरी माँ ही भगवान है
- सबकुछ मिल जाता है दुनिया में मगर
याद रखना की बस माँ-बाप नहीं मिलते
मुरझा कर जो गिर गए एक बार डाली से
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते
- मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथो को चूल्हे में जलाना याद आता है।
वो डांट-डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।
- माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा,
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा.
- माँ से बड़कर कोई नाम क्या होगा
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है
उसके सर का मक़ाम क्या होगा
- रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ
- माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा
- माँ-बाप से बढ़कर इस दुनिया मेरा कोई भगवान नहीं
चूका पाऊ उनके ऋण को इतनी मेरी औकात नहीं
- अर्ज़ किया है-
खुद मौत के मुँह में जाकर,
बच्चे को जीवन दान दे।
ऐसी है वो शक्तिशाली माँ ,
जो इतना महान काम कर दे।
- अर्ज़ किया है-
नसीबों से मिलता है माँ का प्यार,
तुम भी कर लो अपनी माँ से प्यार।
निस्वार्थ प्यार कर के तो देखो ,
तुम्हे भी हो जाएगा प्यार से प्यार।
- अर्ज़ किया है-
सागर जैसा दिल है तुम्हारा,
जिसमे इतना प्यार है भरा .
चाहे कैसा भी सूलूक करू,
प्यार ख़त्म ना होता कभी भी ज़रा